उत्तराखंड की राजनीति इन दिनों दो मोर्चों पर गर्म है, एक तरफ धामी सरकार में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज़ हो गई हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आपदा प्रबंधन को लेकर सवालों का दौर भी जारी है। मौजूदा वक्त में धामी मंत्रिमंडल की पाँच कुर्सियाँ खाली हैं और भाजपा विधायक लगातार मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। चर्चा है कि नए चेहरों को जगह देते वक्त क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
लेकिन इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बड़ा हमला बोला है। हरीश रावत का कहना है कि जब राज्य भयंकर आपदा से जूझ रहा है, तब भाजपा के मंत्री और विधायक केवल कुर्सी की राजनीति में उलझे हैं। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री केवल रस्मअदायगी कर रहे हैं. जबकि धराली, थराली और अन्य आपदा प्रभावित इलाकों में आज भी लोग पुनर्वास की राह ताक रहे हैं।

 
                                               
                                               
                                               
                                               
                                               
                 
                   
                   
                   
                  
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